'कॉमन एरिया पर सभी का समान अधिकार'
नवभारत टाइम्स | Nov 25, 2013, 09.49PM IST
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प्रमुख संवाददाता, इलाहाबाद
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फ्लैट मालिकों को भारी राहत दी है। कोर्ट ने कहा है कि अपार्टमेंट के कॉमन एरिया पर सभी फ्लैट मालिकों का समान अधिकार है। बिना फ्लैट मालिकों की सहमति एवं सक्षम अधिकारी के अनुमोदन के इस एरिया में छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा है कि कॉमन एरिया की सुविधाएं ट्रांसफर नहीं की जा सकती और न ही इनका विभाजन किया जा सकता है।
कोर्ट ने सभी अपार्टमेंट मालिकों को असोसिएशन बनाने को भी कहा है। प्रमोटर व अपार्टमेंट मालिकों का दायित्व है कि वे असोसिएशन का पंजीकरण कराए। विवाद की स्थिति में सक्षम प्राधिकारी को मध्यस्थता कर निपटारा कराना चाहिए। कोर्ट ने बनने वाली सोसायटी मॉडल बाईलॉज के अनुसार गठित करने को कहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि अपार्टमेंट मालिक असोसिएशन नहीं बनाते तो प्रमोटर असोसिएशन बनाएं। यह काम 90 दिन में पूरा किया जाए और इसकी बैठकें की जाएं।
प्रदेश में फ्लैट में रहने वालों के लिए सहूलियत वाला यह आदेश हाईकोर्ट के जस्टिस सुनील अम्बवानी और जस्टिस भारत भूषण की बेंच ने मे. डेजिटनार्च इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. व कई अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि आवास मानव जीवन की आवश्यकता है। घर के वातावरण का व्यक्ति के शारीरिक व मानसिक विकास में काफी योगदान होता है।
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शहरी आबादी व मकानों में भारी अंतर है। शहरों में आवास देना असाध्य समस्या बनती जा रही है। कोर्ट ने कहा है कि शहर में प्रत्येक व्यक्ति को आवास देने के लिए ही अपार्टमेंट के निर्माण किए जा रहे हैं। सरकार ने उपजाऊ जमीन पर मकान बनाने से खेती उत्पादन में कमी को देखते हुए ग्रुप हाउसिंग डिवेलपमेंट को बढ़ावा दिया है। ऐसे में अपार्टमेंट में रहने वाले को सामान्य एरिया पर समान हक रखना जरूरी है। कोर्ट ने यूपी अपार्टमेंट एक्ट 2010 को सही मानते हुए अपार्टमेंट प्रमोटरों के जिम्मेदारियों से बांधने की योजना को सही माना और कहा है कि कानून के तहत अपार्टमेंट का बैनामा जरूरी है।
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